Dreams

Thursday, December 22, 2016

छुट्टियाँ आने वाली हैं (c) Copyright



छुट्टियाँ आने वाली हैं

काम से थोड़ा फ़ुर्सत है
पर मुझे अब मनुश्य बनने से छुट्टी चाहिए
थोड़ा खरगोश बनना है
थोड़ा चीता
या फल बन जाऊं
चाहे सेब
चाहे पपीता
मुझे ऐसी घुट्टी चाहिए
मनुष्य बनने से छुट्टी चाहिए

ना दायित्व के दायरे हों
ना इच्छाओं का जाल
ना सामाजिक अपेक्षाएं
ना मर्यादा का भाल
केवल रंग हो मुझमे
और सुगंध हो
हे प्रभु! ऐसा कुछ प्रबंध हो
भावनाओं और अपेक्षाओं से
ज़ख्मी चित्त पर 
ऐसी एक पट्टी चाहिए
मनुष्य बनने से छुट्टी चाहिए

बस धरती हो
नदी हो
बादल हों
आकाश हो
और अवकाश हो
ना कहीं से उदगम होने की इच्छा हो
ना किसी मंज़िल की तलाश हो
बस हवा बहे त्वचा पे शीतल
चारों ओर अपने
ऐसी खस की टट्टी चाहिए
मनुष्य बनने से छुट्टी चाहिए

और आपको?