हर धोखे के पीछे भरोसा है
किस्मत वालों ने ही किस्मत को कोसा है
बेस्वाद तो हम बना देते हैं
ज़िंदगी ने तो सबके लिए ज़ायका परोसा है
जिसके पास गाड़ी नहीं
पैर हैं
जिसके पास पैर नहीं
कल्पना के पंख हैं
जिसके पास पंख नहीं
उसके पास आवाज़ है
जिसके पास आवाज़ नहीं
उसके पास हौंस्लों के शंख हैं
जिसके पास नज़र नहीं
नज़रिया है
जिसके पास नज़रिया नहीं
किताबें हैं, स्याही है
पन्ने हैं, ख धीया है
जिसके पास खड़िया नहीं
हाथ मे उसके तलवार है
जिसके पास तलवार नहीं
ज़ुबान की तेज़ी है, धार है
जिसका पास जंग नहीं
खुद से ही लड़ाई है
जिसके पास लड़ाई नहीं
पढ़ाई है
जिसके पास पढ़ाई नहीं
कढ़ाई है
रसोई है, स्वाद है
दुनिया को भोजन करवाने का गौरव है
भूख और भरे पेट के बीच संवाद है
बस अपने उपहारों को
देखने भर की बात है
नहीं तो उजालों मे भी
रात है
वरना
देखो तो
मातम में भी बारात है
मातम में भी बारात है
मातम में भी बारात है
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