Dreams

Monday, January 20, 2014

निनाद © Copyright

 


सन्नाटे में भी
हल्का हल्का सा है निनाद
वेदों की वाणी
वीणा की ध्वनि
जीवन के रस का है स्वाद
हल्का हल्का सा है निनाद

मृत्यु के साए से उन्मुक्त
जीव की नाड़ी के स्पंदन
व्योम में फैला
प्राण का धन्यवाद
हल्का हल्का सा है निनाद

अनादि से पहले अंत के बाद
ओमकार का नैसर्गिक आलाप
उन्नत हुआ स्तर, ना पुण्य, ना पाप
पुराने की भस्म, नवीन की खाद
हल्का हल्का है निनाद

काल चक्र और योनि तोड़े
समय के पहिए को मरोड़े
शिव-शक्ति की भंगिमा से ऊपर
नटराज के तांडव से अनछुआ
"आशा" का है उन्माद
करता हल्का हल्का निनाद
हल्का हल्का सा है निनाद
हल्का हल्का सा है निनाद

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