सन्नाटे में भी
हल्का हल्का सा है निनाद
वेदों की वाणी
वीणा की ध्वनि
जीवन के रस का है स्वाद
हल्का हल्का सा है निनाद
मृत्यु के साए से उन्मुक्त
जीव की नाड़ी के स्पंदन
व्योम में फैला
प्राण का धन्यवाद
हल्का हल्का सा है निनाद
अनादि से पहले अंत के बाद
ओमकार का नैसर्गिक आलाप
उन्नत हुआ स्तर, ना पुण्य, ना पाप
पुराने की भस्म, नवीन की खाद
हल्का हल्का है निनाद
काल चक्र और योनि तोड़े
समय के पहिए को मरोड़े
शिव-शक्ति की भंगिमा से ऊपर
नटराज के तांडव से अनछुआ
"आशा" का है उन्माद
करता हल्का हल्का निनाद
हल्का हल्का सा है निनाद
हल्का हल्का सा है निनाद
हल्का हल्का सा है निनाद
वेदों की वाणी
वीणा की ध्वनि
जीवन के रस का है स्वाद
हल्का हल्का सा है निनाद
मृत्यु के साए से उन्मुक्त
जीव की नाड़ी के स्पंदन
व्योम में फैला
प्राण का धन्यवाद
हल्का हल्का सा है निनाद
अनादि से पहले अंत के बाद
ओमकार का नैसर्गिक आलाप
उन्नत हुआ स्तर, ना पुण्य, ना पाप
पुराने की भस्म, नवीन की खाद
हल्का हल्का है निनाद
काल चक्र और योनि तोड़े
समय के पहिए को मरोड़े
शिव-शक्ति की भंगिमा से ऊपर
नटराज के तांडव से अनछुआ
"आशा" का है उन्माद
करता हल्का हल्का निनाद
हल्का हल्का सा है निनाद
हल्का हल्का सा है निनाद
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