तलवारें तो युगों युगों से ऐसी ही प्यासी हैं
बिना ध्येय के गुर्राहट भी बस एक उबासी हैं
पर ज्ञान है, तो म्यान है
म्यान है तो अभियान है
अभियान है तो जग अपना है
करुणा पर ही ध्यान है
तलवारों को म्यान दिखाओ
दिशाहीन को अभियान दिखाओ
शांति पाठ का ज्ञान दिखाओ
चक्रवर्ती को दान दिखाओ
नहीं तो तलवारें तो अपनी प्यास बुझाएँगी
कई युगों तक संतानों को ऐसे ही खाएँगी
करुणा है तो विजय है, विजय है तो मान है
म्यान है तो अभियान है
म्यान है तो अभियान है
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