Journey
कुछ परिंदों के ना घर होते हैं ना घोंसले , बस पर होते हैं और हौसले ~ © अनुपम ध्यानी
Dreams
Monday, April 13, 2015
हो जाए तो? (c) Copyright
यदि ईर्ष्यालु की धार बंद हो जाए तो?
यदि कामुक का ‘व्यापार’ बंद हो जाए तो?
यदि लोभी का उधार बंद हो जाए तो?
यदि मोहि का प्यार बंद हो जाए तो?
गोते खाती नय्या पार हो जाए
ये नर्क पुनः संसार हो जाए
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