Tuesday, August 9, 2011
अग्रसेन चाहे उग्रसेन Copyright ©
उग्र करार दिया गया मुझे
उद्दंड भी गया कहलाया
मापदंडों की नाव में पाँव रखे तो
मेरी काया को भी ढहाया गया
क्रोध की अभीवियाक्ति की मैने तो
मेरी आवाज़ को दबाया गया
उग्र कहलाया गया
परिमाण की वर्षा में मुझे नहलाया गया
उग्र कहलाया गया
जब मैने मधुर गीत गाए तो कवि कहलाया गया
जब रौशन किया लोगों का जीवन तो रवि कहलाया गया
जब कूची रंगो से भरी मैने तो कलाकार हो गया
जब शब्द निकले निस्वार्थ प्रेम के तो सलाहकार हो गया
पसंद आए लोगों को बोल तो समझदार हो गया
नही आए तो मेरा प्रयास बेकार हो गया
पर हूँ तो मैं अभिव्यक्ता चाहे अच्छे का चाहे बुरे का
इसी की पसंद का चाहे नापसन्द का
है सत्य को व्यक्त करने की यह विधाता की देन
चाहे अग्रसेन कहलो मुझे चाहे कहलो "उग्र" सेन
अभिव्यक्ति डर की हो चाहे उम्मीद की
चाहे हो कटु सत्य कहने की क्षमता चाहे चलती रीत की
तू अपनी विचारधारा को किसी के लिए ना बदल
सीख भले पर, तेरे विचारों को ना जलाए ये समाज का दावानल
यदि तुझमे नेतृत्व के क्षमता नही तो अनुयायी ही हो जाएगा
हरदम द्वितीय स्थान की ही शोभा तू बढ़ाएगा
तो अपने सपने, अपने बोल, केवल बजायें तेरे चित्त का ढोल
मत कर परवाह जो समाज के मापदंड से तुझे दिया जाए तोल
तू बस बोल...
अभिव्यकती है ईश्वर की देन
तू बस बोल
चाहे फिर हो जाए तू
अग्रसेन या "उग्र"सेन
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