इसके सुलगे छोर को देखो
कैसे धधकती हुई आग है
यह शांत सी ज़िंदगी में
कुछ करने की दौड़ भाग है
सुर्ख लाल अंगारे और जलता हुआ इसका बदन
यह तो एक ज्वालामुखी के मूह सा
एक खुला हुआ सुराख है
धुएँ में उड़ जायें फ़िकरें
यह तो एक निरंतर सत्य की राख है
बंद करो आँखें और खीँचो इस धुएँ को
तंबाकू नही यह तो मधुर सुगंध का राग है
अंगरों और धुएँ के बीच यह तो
भविश्य का घटाना, वर्तमान का भाग है
उंगलियों के बीच अठखेली खाती
यह ज़िंदगी के हमाम में
कुछ जिए लम्हों का झाग है
यह डॅंडिका तो ज्वलंत रहके
परित्याग का प्रमाण है
देखो इसके सुलगे छोर को
धधकती ज्वाला सी आग है
1 comment:
don't smoke that much please...
its not good for you..
-p.s.
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