Dreams

Monday, July 11, 2011

बड़ा है तो बेहतर है??? Copyright ©


हर बार बड़ा, लंबा , ऊँचा गहरा नही होता
कभी कभी तो चींटी भी हाथी को गिरा देती
शब्दों में है ताक़त इतनी
एक शृंखला सियासतों को ढहा देती






तो आज केवल दो छन्द
स्वतंत्र और स्वच्छंद
गहरे, गंभीर और सटीक
तेज़, तर्रार और निर्भीक
मेरे शब्द, मेरे बोल और मेरे विचार
दे रहे केवल
आपको प्रणाम
आपको आभार!!

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