Dreams

Sunday, July 17, 2011

अफ़सोस करना नही आता !!! Copyright ©


मुझे अफ़सोस करना नही आता
केवल गुज़रे मौसम पे हूँ मुस्कुराता
पल बटोरता रहता हूँ बस मैं इस ज़िंदगी में
मुझे आज में जीना बस है भाता
क्यूंकी मुझे अफ़सोस करना नही आता


तुम ऊडो आसमान में मेरी जान
जैसे मैं उड़ रहा हूँ आज़ाद पंछी सा
मैं भी रोकू तुम्हे तो ना मुड़ना
कभी ना किसी के लिए छोड़ना उड़ना

पंख फैलने की देर बस है, खुला आसमान
मेज़बान की तरह बाहें फैलाए बैठा है
उसे उसका धर्म निभाने दे
पंख फैला और खुदको नीलिमा में डूब जाने दे
मुझे ज़्यादा कुछ कहना नही आता
क्यूंकी मुझे अफ़सोस करना नही आता


अफ़सोस करें वो जिन्होने कुछ किया ना हो
मैने तो प्याले पिए हैं ज़िंदगी के
अफ़सोस करें वो जिन्होने लम्हों को खो दिया
मैने तो एक एक पल जिए हैं ज़िंदगी के


ऐसा नशा है यह ज़िंदगी
और ऐसी साकी है इसके पल
पूरी उतारे बिना होश करना नही आता
ऐसा डूबा हूँ इसके जाम में
की मुझे अफ़सोस करना नही आता
मुझे अफ़सोस करना नही आता
अफ़सोस करना नही आता

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