कौन है राजा
रंक कौन है
कौन है वादक
मृदंग कौन है?
चौंसठ घर में
कौन खिलाडी, कौन है प्यादा
चतुरंग कौन है?
आलेख बनाते नितदिन हम सब
ज्ञात नहीं यह हो पाता
हर चाल के पीछे
कौन छुपा है
हार और जीत कौन दिलाता?
किसी का भाग्य सीधा चलता
चाल किसी की टेढ़ी पड़ती
हम तो प्यादे , तुम हो हाथी
टेढ़ा ही कोई चल पाता।
भाग्य और समय
दो खिलाड़ी ,
जीवनकी इस बिसात के
कौन जीएगा, कौन मरेगा
इन दोनों के ही हाथ में।
काट के किसी को आगे बढ़ना
नहीं ये मेरे स्वाभाव में
अपना पथ मैं खुद चुनता हूँ
दिशा के भी अभाव में ।
कर्म की तलवार
विश्वास की ढाल हाथ में
ललकार चुका हूँ
दोनों को “ आओ टकराओ साथ में”
शीघ्र आयेंगे
वो दिन और वो रात
जब मैं करूँगा घात
चिला दूंगा मूह पे इनके
"मेरी ओर से यह लो
तुम्हारी शह और मात!"