बागडोर है हाथ में
और तैयार खड़ा है अश्व भी
हाथ में लिए तलवार
ललकार रहा है विश्व भी
छाती ताने सवार हूँ मैं
लड़ने को वो युद्ध भी
अब खड़ा नहीं रहूँगा
बनके मृत बुत जी
बहुत समय नष्ट किया है
बहुत सोच-विचारा है
अब युद्ध और प्रतिघात के सिवा
रहा नहीं कोई चारा है
दबा दबा के मुझे कर
दिया था एक कोने में
झ्पतुन्गा ही अब तो मैं
यह तो है सत्य ही
बागडोर है हाथ में
और तैयार खड़ा है अश्व भी
कभी कभी चलने से पहले
दौड़ना ज़रूरी है
बिना युद्ध के अर्जुन होकर
हर महाभारत अधूरी है
युद्ध तो वीर का प्रमाण है
तेरे अन्दर उत्पीडन से
लड़ने की कमान है
तान भ्रिकुटी , निकाल अपना गांडीव
लगा विश्वास की प्रत्यंचा उसपे
छोड़ दे बनना निर्जीव
जो दबाएँ वो शौर्य का
तमका तो पहेन ही नहीं सकते
पर जो दब जाए वो तो
स्वयं को मनुष्य ही
नहीं कहला सकते
पाप – पुण्य तो ऊपर होगा
तू तो तैयार कर अपनी ढाल
तान अपने भाले को
और दिखा शत्रु को अपनी चाल
आधा शत्रु तो तेरे इरादे से
ही डर जाएगा
और बाकी आधा तेरे
युद्ध से तू समाप्त कर पायेगा
सब तुझपे निर्भर है
सारा भार तुझपे ही
बागडोर है हाथ में
और तैयार खड़ा है अश्व भी
युद्ध करने से ना घबरा
युद्ध ही से लहराएगा तेरा परचम
तेरे नाम का ठप्पा
तेरे शौर्य से ही अमर होगा हरदम
क्रोध है , कुंठा है
तो कस ले कमर और कर
शंख्नाध
युद्ध कर , विजयी बन
और चख जीत का स्वाद
लगाम डालने से
धैर्य पालने से
नहीं होता सार्थक जीवन
बेड़ियाँ तोडना होता है
कभी ताकि दबाये न
तुझको कोई हरदम
दे प्रमाण अपने
शौर्य का
और आन्दोलन की
मशाल जला
मत रौंदने दे उनको
तू वापिस मुड़ के चिल्ला
स्वयं से होगा प्रसन्न तू
कि तूने ललकारा
तूने चुनौती दी
बागडोर है हाथ में
और तैयार खड़ा है अश्व भी
बागडोर है हाथ में
और तैयार खड़ा है अश्व भी
बागडोर है हाथ में
और तैयार खड़ा है अश्व भी !!!
1 comment:
PLZ...REMOVE ..BLACK..
THIS GIVES A LESSON ..TO DO OR DIE..TO ACHIEVE THE..DESTINATION..KEEP WRITING
ALSO REMOVE WORD VERIFICATION
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