Dreams

Tuesday, February 15, 2011

Are we so different???Copyright ©


awkward feathers
strange gait
our flights were chosen
by the same fate
sharp talons
unusual beaks
we were destined
to soar above peaks
we were separated from
the world we knew
till, together we flew



we are just two birds
different from our flocks
but when together
we are eagles,
we are hawks



drawn by the vastness of
the immense sky
forced by the urge to
soar higher and high
my companion, we are
birds who cannot be caged
with norms or rules of fright
our feathers are just too bright



so if you feel we are different
we are not, u will know
as our journey goes by
we are just two birds who
look differently at the same sky



let our wings do the talking
let the winds draw us near
let us just soar , let us just fly
our pace, our flight may be different
but we are birds of the same sky
birds of the same sky
birds of the same sky!

Monday, February 14, 2011

संजय !Copyright ©


सारथी कृष्ण ही था बस क्या
संजय का क्या हुआ
उसे क्यूँ भूल गए हम
वोह तो था अंधे ध्रितराष्ट्र का एकमात्र दिया



कौरवों के मतिभ्रष्ट खेमे में
एक मात्र स्तम्भ था संजय
मूक था, पर सत्य था संजय
कर्म बद्ध था पर, चेत था संजय
अकेला था पर, जीवित था संजय
सोयी आत्मा का स्पंदन था संजय
अन्धो की लाठी था संजय
सेवा बद्ध था पर दूरदर्शी था संजय




सब ओर घोर पापाचार हो
सब ओर तू घिरा हो मूर्छित आत्माओं से
तू बन जा संजय
कीचड़ हो हर ओर दलदल हो घनघोर
तू हो जा कमल रुपी संजय
विवेक का धारक होजा तू भी संजय
तम को दूर भगाता दीपक हो जा संजय
शत शत नमन संजय
दंडवत तुझे संजय
संजय!

Sunday, February 13, 2011

Valentine's Special!!!Copyright ©


No bouquets of Roses
No "I love you" overdoses
No seven seas to be crossed
Nothing so special this valentine
No claims of making you mine...
Just being in your company
Makes me sing this from cloud nine



You must be waiting to get sweet messages
Or roses or heart shaped chocolates
But my love
I have nothing to give you this Valentine
Just this phrase
"your presence in my life ~ divine



Each day passes with
the eagerness to be in your arms
Each breath struggles to
breathe your fragrance
No day can be marked in
the calender as a day of
my love for you
I wish i could express how my love
for you grew



so don't be jealous of the
girls who get "valentines' specials" today
they seem to feel special just this day
but you , my love
were my valentine yesterday,
are today
and will remain
everyday,
everyday
everyday!

Saturday, February 12, 2011

उड़ चले...Copyright ©


बड़ी तमन्ना थी उड़ने की

पंख भी थे मेरे जवान

निगाहें हरदम आसमान पे थी

मुठ्ठी में करने सारा जहाँ

उड़ सकूँगा की नहीं

इसका पता न था...

बस इच्छाओं के पर थे

और इसी उम्मीद में लहू बहा



आज आसमान चमकदार है

हवाएं भे कैंची लेके नहीं निकली

पंख भी आज कुतरे न जायेंगे

बैठे परिंदे भी आज पंख फैलायेंगे

मैं भी आज उड़ान भरूँगा

मैं भी चिल्लाऊंगा

जो इतने दिनों से इच्छा थी

वो मैं आज पूरी कर पाउँगा

मैं भी आज उड़ पाउँगा



यह उड़ान पंखो से मुमकिन नहीं हुई है

न ही यह हवाओं का जोर है

यह तो हौसले की उड़ान है

उम्मीद के पंख हैं

और मंसूबों के घोड़े हैं

और संकल्प की कमान है

धैर्य का सागर पालना सीखा मैंने

भाग्य के चाबुक भी बहुत सहे

इस उड़ान के लिए न जाने

कितने सपनो के महेल ढाए

पर न टूटा मैं

और आज उड़ पड़ा



यदि आज लगे कि कल क्या होगा

उड़ पाएंगे की धरती हे पा पाएंगे

तो सांस भरो और देखो नीले आकाश की ओर

एक ही हौसला हो..... चाहे हो सांझ चाहे भोर

कहने दो हर किसी को जो वो कहना चाहते

तुम बस आँखे बंद करो और

कहदो खुद से

हम तो बस उड़ना चाहते

हम तो बस उड़ना चाहते

हम तो बस उड़ना चाहते!




Wednesday, February 9, 2011

Learning how to let go!! Copyright ©


saying "you must let go"

is so simple

seems like the placidity on the surface of the ocean

without a ripple

I tried

and

I DIED.....





i tried to let of your thought

i had to hold my breath for that

but even in the space between the stopped breath

i saw your smile

divine

and i breathed again..





i tried to let go of the sense of your touch

to peel it of my skin

i tried , but the skin came off

pain was my kin

but to no avail

the sense was deeply ingrained

the sensation was stamped for ever





i tried to let go of your smell

from my body

and it didn't work

your smell was like musk on a deer

i kept looking where was it coming for

i just could not let it go





letting go

is a philosopher's phrase

not a person in love

not a person who is passionate

to live his love





so i did try to let go

to "move on"

but all i could do was to

grow fonder of you

and now

i am successful in 'letting go"

of the thought to "let go"

Tuesday, February 8, 2011

बसंत आया रे भैया !!Copyright ©


खिली फसल है उडी पतंग है
झूमे हैं नर नारी
इस बसंत में तो नेता की
भी है जेबें भारी
देखो पंचमी है आई
बसंत आया रे भैया


वैलेंटाइन भी आने वाला
खुश हैं सारे युवा
इसी बात से तो हर साल
है अपना भारत डूबा
गुलाबों की बिक्री है भारी
बसंत आया रे भैया


अर्थव्यवस्ता डूब रही है
डूब रही है जनता
आजकल तो केवल कमा रहे हैं
इ टी वाले अभियंता
जेबें तो अम्बानी की हैं बस भारी
बसंत आया रे भैया


छब्बीस जनवरी चली गयी
भूल गए तिरंगा
भूख से अब तो बिकल रहा है
पूरा भारत नंगा
१५ अगस्त की है अब बारी
बसंत आया रे भैया


बसंत हो गया डी डी एल जे
का बस वो एक गाना
फसल पके या नहीं पके
हमे तो बस बॉलीवुड है जाना
देखो क्या हो गया रे ज़माना
बसंत आया रे भैया


आखरी पंक्ति मेरी कलम
रच जाए ऐसा गाना
देश भर को जगाने का
बस हो एकमात्र यह बहाना
हाथ उठे आप सब के , वाह वाह हो , हो सराहना
बसंत आया रे भैया
देखो पंचमी है आई
बसंत आया रे भैया

Monday, February 7, 2011

शायर या सिफर?Copyright ©


कोई शायर कहता है , कोई तेरा आशिक बुलाता है
कोई खुदा की कायनात का काफिर बनाता है
नहीं मालूम उन्हें कि मैं तो
तेरी चाहत और पागलपन के बीच भटकता हुआ एक सिफर हूँ



उर्दू की महफ़िल में आया हूँ
तेरी मोहब्बत का पैगाम पहुंचाने
इस कायनात को तेरी खुशबू से सजाने
इल्म न हो किसी को, ऐसा मेरा अंदाज़ नहीं
मैं तो आया हूँ तेरी मोहोब्बत का ही साज़ बजाने



कैसा अंदाज़ चाहिए बता देना
दूर करने से पहले एक बार बस सीने से लगा लेना
खुशबुयें तो बहुत हैं मेरे दामन में तुझे देने को
इश्क की कौनसी खुशबू पहेननी है तुझे, यह बस बता देना



कोई चाँद लाएगा , कोई तारे तोड़ेगा
तेरे लिए कोई किस्मत की कलाई मरोड़ेगा
मैं तो बस तुझे एक वादा हूँ दे सकता
चाहे जो हो जाए, यह बन्दा तुझे न छोड़ेगा



तुझे समझना कोई आसान बात नहीं
तेरी जुल्फों में कई विरासतें, सियासतें खो गयीं
तुझे समझूं, तुझे जानू यह अरमान है अब बस
चाहे खो के समझूंगा, चाहे पा के समझूंगा



यह दिल का मकान खाली है, दरवाज़े भी बंद हैं
खिडकियों से भी मेरी प्यासी आँखें झांक रहीं
आजा तू अब , तोड़ दे तू इन दीवारों को
चल चलें दूर इश्क की जन्नत में कहीं



कोई शायर कहता है , कोई तेरा आशिक बुलाता है
कोई खुदा की कायनात का काफिर बनाता है
नहीं मालूम उन्हें कि मैं तो
तेरी चाहत और पागलपन के बीच भटकता हुआ एक सिफर हूँ

Sunday, February 6, 2011

तेरी कुर्बत की चाह ! Copyright ©


तूने डुबोया है इतना हमे
हम और डूब न पायेंगे
तेरे नशे में ए जाम-ए-ज़िन्दगी
हम और खो न पायेंगे
मोहोब्बत तो हमने की थी तेरी साँसों से
अपनी सांस भर से अब हम ...जी न पायेगे



ज़िंदगी के तरन्नुम को गाना सिखाया था तूने
मोहोब्बत की शमा पे पतंगा बनाया था तूने
इस तर्रन्नुम , इस शमा की अब बात रही नहीं
गा चुके , जल चुके हैं हम इनता
कि अब कोई और गीत गा न पायेंगे



अपने ही पानी में डूब जाना बर्फ का होता है मुक़द्दर
अपने ही खारे पानी में समां जाता है समंदर
तूने ऐसा सूखा साहिल बना दिया है हमे
कि प्यास ही नहीं रही किसी की
तो प्यास से हम कैसे मर जायेंगे


तेरी कुर्बत की चाह में ऐसी
मुफलिस हुई जा रही है यह ज़िंदगी
तेरी मोहब्बत रगों में ऐसी
दौड़े जा रही है जैसे हो खुदा की बंदगी
मेरे सब्र का इम्तेहान मत ले ए मोहोब्बत
तेरे लौटने की आस में जिए जा रही है ज़िंदगी!

Thursday, February 3, 2011

Ode to You..Copyright ©

odes, sonnets, poems or prose
cannot express what you compose (in me)
the strings that you strike
the beats that you play
oh i want to be 'played' everyday


i do not know how to write for you
i do not know how to write of you
i want to write with you
write our destiny together
to be forever in each other



many would write an ode for you
lovely sonnets about you
but only I would sing those , to you
an ode to you , for you , with you!
and my ode is : I LOVE YOU!!!!

Wednesday, February 2, 2011

हर हर गंगे....Copyright ©


इस हमाम में तो हैं हम सब नंगे
फिर क्यूँ कुछ हम में से चिल्लाएं हरदम
हर हर गंगे, हर हर गंगे


हम सब के काले काम
सहने को न तैयार उसका अंजाम
बगल में हरदम छुरी है अपने
मूह पे लेकिन हरदम राम





जो बोलें उसपे न कभी रहते अचल
जुबां भी बेच खायी कल
मन में हरदम मदिरा झूमें
मूह में फिर भी गंगाजल



पैसे से पोंछे सारे पाप
गायें "गरीबी हटाओ" का आलाप
कुकर्मो से कमंडल भर दें हम
पर रुद्राक्ष की माला और करते जाप



नंगे नंगे आये थे हम
नंगे नंगे जाना है
नग्न सत्य का चोगा पहनो
गंगा जल ही सबने आखिर में पाना है



जाको राखे साइयां
मार सके न कोई
जाको कुकर्मो की लत है लागे
उसे बचा सके न कोई



कर्मो को भभूत लगाओ
करो सत्य , अहिंसा का जाप
प्रेम को बांटो, अन्दर के दानव को काटो
कर लो हर मनुष्य से भारत मिलाप



हर हर गंगे बोलें वोह ही
जो गंगाजल का अर्थ समझें
जो जनेऊ की शक्ति भांपे
और अपने कर्मो का बोझा खुद ढोये



गंगे करदे माफ़ हमे तू
हमने तुझमे सारे पाप धोये
तेरे पावन जल से हमने
अपने पापों के बीज बोये



जो फिर ऐसा करें हम तो
नंगा हमसा कोई न होए
नंगा हमसा कोई न होए

Tuesday, February 1, 2011

जश्न-ए-ज़िन्दगी.Copyright ©


सलाखों में क़ैद हो तू
चाहे खुले आसमान का हो परिंदा
मसले फूलों की महक हो
चाहे हो कालिक पुते चेहरे से शर्मिंदा
मना ले जश्न-ए-ज़िन्दगी



खाली या भरे होने का मत कर इंतज़ार
जीने के मौके नहीं आते बार बार
इस खुशबू की सांस ले
और गिन ले तारे हज़ार
यह चमकता दिन न आएगा
यह काली रात फिर न आएगी
एक ही जोश से
मना ले जश्न-ए-ज़िन्दगी



जश्न-ए-ज़िन्दगी
जश्न-ए -बहार
साँसों का मेला
धडकनों की पुकार
खून का दौड़ना
और रगों का खुमार
खुदा की यह सारी बंदगी
मना ले मौला के नाम
जश्न-ए-ज़िंदगी
जश्न-ए-ज़िंदगी
जश्न-ए-ज़िंदगी!!