Dreams

Sunday, June 20, 2010

बड़ा दिन..!!! Copyright ©


एक बरस में एक बार ही

पितृ दिवस आता है

और एक बार ही जन्मदिन

मनाया जाता है

परन्तु इतने बरसों के

तुम्हारे तप को मैं एक दिन

में ही कैसे बतलाओं

तो यह शब्द , यह लय

यह भावना मैं आज

समर्पित करता ताकि

हर पल स्मरण रहे वो त्याग

वो स्नेह, वो छाती की गर्मी

वो विश्वास, जो तुमने मुझे दिखाया

बरसों तक माली की तरह मुझे सींचा

और इस योग्य मुझे बनाया

अब मेरी बारी तुमको दंडवत करने की

सारी कठिनाई , सारी दुविधाएं तुम्हारी, हरने की

आज पितृ दिवस है और तुम्हारा जन्मदिन

ग्रीष्मकालीन अयनांत जग के लिए

सबसे लम्बा दिन

मेरे लिए पर्व है यह, मेरे लिए तो

बड़ा दिन !


लोग पूजते हर को, हरी को भोग लगाते

हर हर महादेव की गुहार लगाते

मेरे तो हर भी तुम हो, हरी भी

ब्रह्मा, विष्णु महेश का

संगम भी तुम ही

एक बार पुनः मैं याद करूँ आज

वो तुम्हारे कंधे की सवारी

और जो पहला खिलौना लाये थे तुम

वो जो पहली गाडी

पीठ थपथपा के कहा था तुमने

आँखों का हूँ तुम्हारे तारा

ऐसा लगा था जैसे

मुट्ठी में था संसार सारा

कोसता था जिस डांट को ,

वो थी तुम्हारा मार्गदर्शन

जिस छड़ी से रहता भयभीत

आज वो हो गयी है मेरा सहारा

तुम्हारा आलिंगन अनेक भावों का संगम था

बेटे न घबरा मैं हूँ

बेटे गिरा तो क्या हुआ, संभाले तुझे, मैं हूँ

अपने हाथ से निवाला जो तुमने खिलाया

वो शक्ति सा लहू में मेरे आज है दौड़े

वो सीख, वो उपदेश बचपन के

आज थामे है मेरे मन के घोड़े

संस्कार , श्थिरता , और आत्मसम्मान

का जो था तुमने पाठ पढाया

उसी ने मुझको हर कठिनाई से

पार कराया

आराध्य मेरे हो तुम

मेरी भक्ति आज स्वीकार करो

मेरा अस्तितिव तुमसे है

कुछ नहीं है तुम्हारे बिन

मेरे लिए पर्व है यह, मेरे लिए तो

बड़ा दिन !


प्रयास मेरा हरदम है यह

कि जिन हाथो ने मुझे संभाला

उस हाथ को थामे मैं एक दिन

तुम्हे अपनी दुनिया दिखाऊंगा

जिस कंधे पे चढ़ के मैंने

सारा संसार देखा है

उस कंधे का सारा बोझ

अपने कंधे कर जाऊंगा

धुंधली होती दृष्टि को

मैं नयी रौशनी दिलाऊंगा

आराध्य तो हो तुम मेरे हरदम

अब बस नतमस्तक हो जाऊंगा

पिता छत्र है, पिता है माली

पिता है ज्योति , पिता है बाती

सबके लिए चाहे हो वो जन्मदाता

मेरे लिए तो ईश वही है

वो ही विधाता

जन्मदिन पे आज तुम्हारे

मैं दंडवत करता हूँ

पूरे जग को तुम्हारे

चरणों में अर्पण करता हूँ

चरनामृत है,

दिशा भी है, मार्गदर्शक

तुम्हारे पद चिह्न

मेरे लिए पर्व है यह, मेरे लिए तो

बड़ा दिन !

मेरे लिए पर्व है यह, मेरे लिए तो

बड़ा दिन !

मेरे लिए पर्व है यह, मेरे लिए तो

बड़ा दिन !



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