Monday, November 14, 2011
जान लेना~~~ !!! Copyright (c)
तेरी हिम्मत का चर्चा जब गैर की महफ़िल में हो
जान लेना की दुनिया तेरे कदमो में है
तेरी लौ से रौशन हो जब हर दिया
जान लेना की तू रौशनी ही है
तेरे बोल जब गुनगुना उठे दुश्मन
जान लेना की वोह शागिर्दी में है
तेरी साँसों से तूफ़ान इधर उधर होने लगे जब
जान लेना तेरी साँसों में बदलाव की ताक़त सी है
तेरी मिलकियत में जब औरों को पनाह मिले
तो जान लेना क़ि तू ऊंची बादशाहत में है
तेरी जागीर से जब दुनिया नहाए
तो जान लेना ज़िंदगी देना तेरी फितरत में है
कर दे जो तेरे नाम पे कोई और जान निसार
जान लेना यह कुर्बानी तेरी रग रग में है
डर लग्न बंद हो जब जहाँ को , जब तू बोलने लगे
जान फूंकना , मान लेना, तब तेरी तबियत में है
क़त्ल हो चली है कईयों की नीयत , तुझसे जो टकराए हैं
जान लेना, हारना तुझसे , उन सबकी फितरत में है
घाव देता है जहाँ तो देने दे ए बादशाह
घाव लेके मरहम लगाना तेरी ही बादशाहत में है
जब नाम तेरा औरों के लबों पे माला के जैसा बन पड़े
मान लेना तेरे लहू के हर कतरे की, दुनिया ज़रुरत में है
जिस ओर तू चले, उस ओर भीड़ चले तेरे पीछे
मान लेना सब का सर, तब तेरे ही सजदे में है
तेरी हिम्मत का चर्चा जब गैर की महफ़िल में हो
जान लेना क़ि दुनिया तेरे कदमो में है
तेरी हिम्मत का चर्चा जब गैर की महफ़िल में हो
जान लेना क़ि दुनिया तेरे कदमो में है
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