Dreams

Thursday, May 13, 2010

सपने होते हैं पूरे! Copyright ©


कुछ कहानियों को पढके

यकीन हो जाता

कि सपने होते हैं पूरे

जीवट किसी का देख के

यकीन हो जाता

न रहेंगे वो अधूरे

कुछ होते परिंदे ऐसे

जिनके पंख होते इन्ते सुनहरे

कि भाग्य का पिंजरा

भी न उन्हें कैद कर पाता

उनका विश्वास इतनी ऊंची

पेंग लगाता कि

जीवन का झूला ख़ुशी

से फूला न समाता

हो जाता यकीन कि हम

नहीं हैं पथ के घूरे

सपने होते हैं पूरे


जब हर द्वार बंद हो जाता

और काला बादल आखरी किरण भी छुपाता

तब यह लोग हो जाते आत्म ऊर्जा का स्रोत

होते न भयभीत होते बस

संकल्प से ओतः प्रोत

नकार देते अपने कष्ट को

पराजित करते अन्निश्चित्ता के दुष्ट को

अपने सपनो की ज्योत से

अपने अन्दर की आग भड़काते

और अपना तेज

चहुँ ओर चमकाते

स्वाभिमान के साथ साथ

अपनी विनम्रता न भूल जाते

और अपनी आत्मा से परमात्मा

को यह याद दिलाते

कि मैं तुम्हारी ही छवि हूँ

और तुम्हारी “आस्था” का ऋणी हूँ

इसीलिए विश्वास है तुमपे

कि दे दोगे मुझे आशीर्वाद

और कर दोगे सपने पूरे


इनके विश्वास के समंदर

को कभी न ललकारना

उनके अन्दर के प्रशांत को

बस निहारना

और सीख लेना कि

यह वो हैं जो डरते नहीं

हमेशा अमर रहते हैं, मरते नहीं

चाहे कोई विपदा आये ये

डटे रहते है

बिखरते नहीं

जिस दिन होगा तुम्हे भी

अपने सपनो पे विश्वास

“आस्था” की होगी अनुभूति

और न बुझेगी प्यास

याद रखना मेरी यह बात

कि होगी तब शुरुआत

उस दिन न रहोगे तुम अधूरे

और होंगे तुम्हारे सारे

सपने पूरे

सपने पूरे

सपने पूरे !!

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