Dreams

Monday, May 24, 2010

छल के चल दें या रहे अटल ! Copyright ©


हर दरवाज़े पे लात मार दी

जिसने माँगा उसे दिया सलाम

जी हुजूरी भी कर के देख ली

फिर भी न पहुंचा इनकी भूख को आराम

साम दाम दंड भेद सिखलाते है शास्त्र

जब पहले तीन न काम करे तो

प्रयोग में लाओ चौथा ब्रह्मास्त्र

पर क्या करें जब सीमित हो इनकी सोच

संकुचित हो मानसिकता और

दूरदृष्टि को आ गयी हो मोच

कितनी बार कोई समझाए

और कितनी करे गुहार

जब दबा दिया जाए हर विचार को

और कर दिया जाए आवाज़ का संघार

कैसे होगा प्रयास और कैसे होगा विकास

कब तक हम भी बैठे रहेगे

रोज़ होने के लिए शिकार

कब तक?



मन में फूटे प्रश्न बार बार

क्या इसमें समय नष्ट करना है समझदारी

या आगे बढ़के ललकारने की है जवाबदारी

द्वन्द युद्ध हो जब खेल रहा

चुप चाप बैठना हो जाये ज़रूरी

आवाज़ उठाएं या पकडे नयी राह

झोंक दे स्वयं को अग्नि में

या नए सूरज की रखें चाह

बदले सोच या बढ़ जाएँ आगे

और पकड़ ले नयी उमंगो के धागे

एक बात तो समझ गए हम

जिस द्वन्द का है ऊपर वर्णन

उत्तर उसका सिर्फ एक ही निकलता

भैया “ पहले संचय फिर वितरण”

“भूखे पेट” संग्राम नहीं आता

“खाली हाथ” इन्कलाब नहीं आता

सागर चाहे कितना हो अन्दर

बिना स्वार्थ के कोई भी सैलाब नहीं आता.

खुद राह न ढूंढ न तुम जब तक

तब तक तो खुदा भी राह नहीं दिखाता

कह देता अब तो स्वयं से हरदम

झेल जितना झेल सके जब तक

स्वाभिमान को कोई ठेस नहीं पहुंचाता

जिस दिन पहुंचे चोट उसे तो

दे पलट के उत्तर तू भी

वो बगावत नहीं इन्कलाब है कहलाता



प्रेम की भाषा न समझे जो

उसे तू प्रेम की भाषा मत समझा

समय नष्ट न कर प्यारे

चुप चाप आगे बढ़ जा

एकाग्रचित्त होना है तेरे बस में

कारवां तो तेरा बन ही लेगा

तू बस अपनी राह मत खोना

आगे खड़ा तेरा सवेरा

जो बाधा डाले पथ में

उनको छल के तू निकल

ये बस तेरा कर्म होगा

चाहे कहे इसे कोई भी छल

घबरा मत,डगमगा मत

बढ़ चला ही तू चल

जब गतिमय हो जाएगा तू

और हो जाये तेरी यात्रा सफल

तब एक बार पीछे मुड़ के

देख लेना

जो दबा रहे थे कल तक तुझको

वो ही रहे हैं तेरे पीछे चल

जी हुजूरी कर रहे तेरी

और तेरे गुण गा रहे प्रतिपल

यह सब होगा बस अगर तू रहेगा अडिग

घबराये न, काम किये जा और

खड़ा रहे अचल

खड़ा रहे अचल

खड़ा रहे अचल

1 comment:

राणा प्रताप सिंह (Rana Pratap Singh) said...

बड़े ही क्रन्तिकारी विचार है और बड़ी ही खूबसूरती से शब्दों में संजोया है. बधाई हो!!!!!