Dreams

Sunday, January 2, 2011

घोषणा !!!! Copyright ©


बीते बरस की रचनाएँ

बीते बरस की आवाज़

चुनौती थी स्व को

गूँज थी अहम् के अहम् से टकराने की

शून्य में चीख थी

गुहार थी कुछ कर पाने की

भय था हार का

घबराहट , और तृष्णा

निराकार सा

बीते बरस की रचनाएँ

बीते बरस के साथ बीत गयीं

इस बरस केवल अंदाज़ होगा

आग़ाज़ होगा

शंख्नाध नहीं…

प्रहार होगा

तृष्णा न होगी

घोषणा होगी



घोषणा होगी आगमन की

घोषणा स्वतंत्रता की

घोषणा समय चक्र के

निरंतर पहिये को मुट्ठी में करने की

भाग्य को बदलने की

घोषणा होगी

सूर्या से दृष्टी मिलाने की

सागर को गले लगाने की

घोषणा…

प्रयास की नहीं …परिणाम की

घोषणा..

निरंतर युद्ध पे

पूर्ण विराम की

घोषणा

परिवर्तन की

घोषणा

औरों के आत्मसमर्पण की

घोषणा…॥



लो प्रथम दिवस से यह कर दें घोषित

कि मैं विजयी हूँ

प्रथम दिवस से यह कर दें घोसित

मैं शिखर पे हूँ

आंसूं जो बहें हैं

वो देखो चमकते मोती हो गए

लहू लुहान जो घाव हैं

वो टिमटिमाते तारे हो गए

घोषणा यह आत्मसम्मान की

घोषणा यह स्वाभिमान की

घोषणा यह नव वर्ष के स्वीकृति की

घोषणा नवीन चमकती आकृति की

लाल क्षितिज पे सूरज के आने की घोषणा

कल कल बहती शीतल लहरों की घोषणा

बहारों की घोषणा

ब्रह्माण्ड में गूंजती इस अभुध्यान की घोषणा

स्व पे विजय की घोषणा

मेरी विजय की घोषणा

विजय के घोषणा

घोषणा!


No comments: