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जो हिम्मत का दम भरते हैं..
हम उन्ही के बस कायल हैं..
जो हुकूमतों को ललकारते हैं..
हम तो बस उनपे घायल हैं.....
........
थिरके पाँव तुम्हारे अगर जीत की धुन में
तो मान लेना ...
हम उन पाँव के ही बस पायल हैं!!!
सागर की गहराई का नाप जो लेते
हम उन्ही को बस नाव थमा देते
जो जीवन की बिसात पे अपनी ही चाल चलते हैं
हम उन घोड़ो पे ही बस अपना दाव लगा देते
……………..
दौड़े तुम भी अगर उस चाल से प्यारे
मैदान- ऐ-जंग में जो तो
हम ऐसे घुड़सवारों को ही
अपनी कमान देते हैं
मोहोब्बत पे जिनका हो भरोसा तो
हम उस हे लौ जलाने को दिया भी बन जाते हैं
जो इश्क में परवान चढ़ने को हो हरदम तैयार
हम उन ही बन्दों को ऐसे अरमान देते हैं
……………..
तुम्हे भी मोहोब्बत की लौ में अगर जलना हो
अपनी चाहत के लिए अगर आसमान पार करना हो
तो ऐसे इरादों को ही हम
उड़ान देते हैं…।
कल अगर तुम हार भी जाते हो
पर हार के भी तुम, तलवार फिर से उठाते हो
ऐसे जज़्बे , ऐसी तलवार को ही हम
अपनी हिम्मत और धार देते हैं
…………….
फ़िक्र मत कर तू अब तक अगर हारा ही हारा है
फ़िक्र मत कर तू अब तक अगर हारा ही हारा है
ऐसे बादशाहों को ही
हम अपना ताज देते हैं!
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