Dreams

Friday, December 10, 2010

हाँ भई …शुभकामनाएं Copyright © ( मेरे शिव हो गए परम मित्र के लिए )


हाँ भई …दरवाज़ा खोलो..

मिष्ठान लाये हैं

हार भी

हमारी बाहें फैली हैं

तुम्हे गले लगाने

हाँ भई…शुभकामनाएं




हाँ भई…शुभकामनाएं

बधाई जन्मदिन की

मेरी ओर से

और बाकी सब भी

आओ तुम्हे गले लगाएं

हाँ भई….शुभकामनाएं



हाँ भई…गुब्बारे लायें हैं

आप इन्हें फुलाएं

तुम्हारे मुख चन्द्र के

तेज से

आओ आज जग चमकाएं

हाँ भई…शुभकामनाएं



एक लड्डू मेरी ओर से

दबा भी लो अब मूह में

प्रेम की यह भेंट

स्वीकार भी करो अब

केवल शब्द और विचार ही हैं

जिन से हम तुम्हे पूज पाएं

हाँ भई….शुभकामनाएं




हाँ भई……तुम्हारे तो पंख थे

तुम तो दूर गगन में उड़ चले

हम तुम्हे यहाँ धरती से

अब बस ताक रहे

तुम्हारे पंख हमे भी दे दो

ताकि हम भी उड़ पाएं

हाँ भई….शुभकामनाएं



हाँ भई…..बड़े भई हो

दो आशीर्वाद

स्नेह हमारा स्वीकार करो

करो हमे भी याद

हम तो फट से आ जायेगे

तुम बुलाओ बस एक बार

आओ इसी उपलक्ष में

केवल तुम्हारे ही गीत गायें

हाँ भई ….शुभकामनायें



हाँ भई……

दीपक जलाया है तुम्हारे नाम का

और अपनी निष्ठां की है बाती

बस अपना लहू ही डाल पाए

तभी है वो लौ धधक पाती

तुम घबराओ नहीं हमारी

छाती तुम्हारी मित्रता के स्नेह से

तनी है

ध्वज तुम्हारा हमने है लहराया

तुम्हारा सन्देश जग में फैलाया ऐसे

जो जग पहले न समझ पाया

मुस्कुरा दो एक बार तुम हम सब पर

तुम्हारी हसी तो देख पाएं

हाँ भई…शुभकामनाएं

हाँ भई…शुभकामनाएं

तुम्हारे जन्म दिवस की

हम सब की ओर से….

हार्दिक शुभकामनाएं

हार्दिक शुभकामनाएं

1 comment:

Unknown said...

luved it....god bless u anupam