Dreams

Sunday, July 4, 2010

प्रेम और अपेक्षा .....Copyright ©


हर कविता में

हर प्रेम ग्रन्थ में

हर प्रेम कहानी

हर मंच में

दर्द, पीड़ा और वियोग

के सिवा कुछ नहीं दर्शाया जाता

ह्रदय रोता, आँखें नम होती

और चेहरा उदासीन दिखाया जाता

विधाता ने एक उपहार दिया था

प्रेम था जिसका नाम

और कहा था मुस्कुरा ले मानुष

सर ऊंचा कर लगा न इसका दाम

मनुष्य ने इस भाव , इस भावना का

दुरूपयोग स्वयं किया

प्रेम की हर बात को

पीड़ा से जोड़ दिया

प्रेम तो सागर है, प्रेम है भक्ति

आराध्य पे अर्घ्य, अपार है शक्ति

घोल के इसमें अपेक्षा के विष को

हमने इसको भुला दिया

जो पवित्र था , जो था अमूल्य

मोल उसका लगा दिया

अपेक्षा कर कर के हमने

इस भाव को खुद से मिटा दिया



ईश ने चाहा प्रेम जिसे हो

वो हमेशा हरदम मुस्कुराये

प्रेम में विलीन होके

मुझसे जुड़ जाए

जो दे सके, वो प्रेमी हो

जो बाँट सके, वो प्रेमी हो

जिसे मोह न हो, न हो खोने का भय

न हो कौतुहल किसी बात का

सद्भावना, मुकुराहट और शान्ति जो दे

बस यह ही उसकी श्रेणी हो

पर हमने आपस में जो ये

अपेक्षा का पुल बाँध दिया

वो सूत्र , वो सेतु जो था दरमियाँ

उसको पल भर में ही काट दिया

प्रेम हमारे मन में

हमारे रोम रोम में बसता है

देने से पहले ,हमे चाहिए

इसीलिए अब आंसू भी हमपे हसता है

कहता हमसे आंसू, मूर्ख मानुष

मुझे क्यूँ बहाता है

अपने पथ स्वयं ही

दुःख का रोड़ा अटकाता है

दुर्भाग्य तेरा यह है

कि जिस भाव से तू स्वाधीन हो सकता है

अपेक्षा की बेड़ी डालके

उदासीनता की काली चादर ओढ़े रखता है


कितने प्रेमी रोते देखे

कितनो के आंसू पोंछे

कभी कभी तो स्वयं भी मैंने

अपेक्षा के नामुमकिन सपने सोचे

पर ज्ञात हुआ मुझे अभी कि

सुख , शान्ति और खुशहाली

इस भाव से तब ही आएगी

जब अपेक्षा की गठरी

इस से निकाल फेंकी जायेगी

बस प्रेम करें हम, खुशियाँ बांटें

तब ही हर प्रेम कहानी

एक सार्थक और सफल अंत तक

पहुंचाई जायेगी

यदि रहा यह काँटा हरदम

हर रिश्ते के पौधे में

तो प्यार की हर कली

फूल बन ने से पहले ही

रौंद दी जायेगी

और दुःख का सागर

आंसूं की नदिया ही बस

हर रिश्ते में रह जायेंगी


तो आओ यह सोच के देखें

प्रेम करे और बस देना सीखें

यदि मिले तुम्हे तो धन्य हो जाओ

न मिले यदि तो बस दाता बन जाओ

हर रिश्ते की महक को

अपनी अपेक्षा की बदबू से

न दबाओ

हर प्रेम कहानी को

उसके सही अंत तक तुम पहुँचाओ

हर प्रेम कहानी को तुम

उसके सही अंत तक पहुँचाओ!

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