Journey
कुछ परिंदों के ना घर होते हैं ना घोंसले , बस पर होते हैं और हौसले ~ © अनुपम ध्यानी
Dreams
Friday, April 30, 2010
अल्फाजों का कारवां नहीं इसे दिल की धड़कन कहो,
जुबां पे आये इस से पहले निगाहों से पी जाओ और महसूस
करो!
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