यह वोह हरे पत्ते नहीं
जो आप सोच रहे है
जो आपकी जेब का वज़न बढ़ाते हैं
और जिनकी चमक से
नेता और अभिनेता ,
खरीदे और बेचे जाते हैं।
यह वोह हरे पत्ते हैं जो
बसंत की चमक हैं
और जो नए जीवन
की झनक हैं
अमिश्रता का सार
और स्वाधीनता का प्रमाण
यह हरे पत्ते।
बीच में इनके
उगते नए जीवन के बौर
जिनसे उगते मेहेकते फूल
कभी किया है गौर?
प्रस्फुटित होता जीवन
और पत्ते जैसे
फूलो के गले पे माला
जैसे इश्वर ने
पन्ने से सुसज्जित कर डाला
सूर्य से गर्मी बटोरके
अंकुर पैदा करते जीवन का
देते आसरा घोसलों को
ताकि सुरक्षित बचपन गुज़रे
चिडिओं का
सौंदर्य झलकाते
छाया दिलाते ये पत्ते
बसंत का उदगम , यह पत्ते
पशुओं की भूख मिटाते यह पत्ते
शिव को अर्घ्य चढाते ये पत्ते
हवा में लहराते यह पत्ते
बूंदों से ताल मिलाते यह पत्ते
हरे पत्ते।
यह सब तो ठीक है
परन्तु एक और बात है
जो इनमे ख़ास है
और इस माध्यम से आपको
बतलाने का प्रयास है
कि यह हरे पत्ते
विश्वास हैं
कि मृत्यु और जीवन
सिर्फ एक चुनाव है
और हमारी यहाँ उपस्थिति
सिर्फ एक पड़ाव है
सरलता ही हरी है
और सरलता से जीना ही
समाज , देश और भूमंडल पे
सबसे गहरा प्रभाव है
इन्हें देखते हुए मेरे
चक्षु कभी नहीं थंकते
ऐसे भाव प्रकट होते
इनको तकते तकते
ये हरे पत्ते
हरे पत्ते
हरे पत्ते!
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