भरोसा क्या है?
पिता की बाहों में बिना किसी डर के
बच्चों का छत से कूदना
या माँ की छाती से लिपट के यह सोचना
कि सब ठीक है और सारी चिंता छोड़ना
या प्रिये का प्रियतम से कहना
ले चल मुझे अपनी बाहों में
चाहे आंधी या तूफानों में
भरोसा है मोहे
तोहरी हिम्मत , तोहरी आवाज़………
तुझपे…………।!
भरोसा क्या है?
लाखो वादे करने के बाद
उन्हें पूरा न करने की शपत
और फिर उसी नेता को जनता की पुनः गद्दी पे
बैठने की जुर्रत
या फिर देश से तिरीस्कृत होने के ज्ञान के बाद भी
सीमा पे, राजधानी में बैठे बाबु के लिए
मरने का शौर्य
अल्लाह, राम, येसु और नानक की ओर भक्ति
या तिलक देना इन नामो से
साम्रदायिक दंगे करवाने वालो को
और बढ़ाना उनकी शक्ति
कीचड में ही कमल खिले हैं
इस वास्तविकता को देख कर
देश को कीचड बनते देखना
या फिर उसके ऊपर एक भव्य
फूलो और फव्वारों वाले बने प्रांगण
से आँखे सेकना।
भरोसा स्रोत है, जीवन का
स्तम्भ है सभ्यता का
नक्षा है उन्नति का
अन्धकार में है रौशनी
बढ़ते जाने, न रुकने की घोषणा
ज्ञान की तृष्णा
भरोसा है ब्रह्मा
भरोसा है भागवत
एक निराकार का अपने जीवन में स्वागत
भरोसा है….मुझे कि
भरोसा है
मेरा भरोसा है
तुम्हे भरोसा है
भरोसा है!
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